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जन्म तिथि से चुनें 10वीं और 12वीं के बाद सही विषय | Best courses after 10th - 12th

बर्थ चार्ट से 12वीं के बाद करियर गाइडेंस

नमस्कार! आप सभी के मन में कभी ना कभी एक प्रश्न ज़रूर आया होगा कि सही विषय का चुनाव/Right career selection क्या है? सही विषय का चुनाव आपको एक ऐसी दिशा दिखाता है जो आपको सफलता, धन और शांति दिलवा सकता है।

छात्र जीवन के दो सबसे महत्वपूर्ण और कठिन पड़ाव है दसवीं के बाद सही विषय/ Subject selection after 10th और बारहवीं के सही कोर्स/ opting from the right courses after 12th का चुनाव। यह दोनों ही छात्र के जीवन में सफलता के लिए एक महत्वपूर्ण कारक के रूप में कार्य करता है।

इस दौरान छात्रों को उनके माता-पिता, साथी, उनके अध्यापक और बहुत सारे लोग अपनी अपनी सलाह देते हैं। ऐसे में इस बात की अधिक संभावना होती है कि जिस भी विषय का वह चुनाव करेंगे आप उसमें सफल नहीं हो पाएंगे। ऐसे में एक सवाल उठता है कि किस पर भरोसा किया जाए और किस पर नहीं?

इस स्थिति में मेरी आपको यही सलाह है कि अपने लिए विषय का चुनाव का निर्णय अपनी जन्मतिथि के आधार/ subject selection by date of birth पर ही करें।

आपकी जन्म तिथि आपकी जन्म कुंडली/Janam Kundli का आधार होती है और इसी कारणवश आप अपनी कुंडली के अनुसार दसवीं के बाद विषय और बारहवीं के बाद सही कोर्स का चुनाव कर सकते हैं।

दसवीं के बाद विषय का चुनाव/ Courses after 10th

क्या आप किसी ऐसे व्यक्ति को जानते हैं जिसने दसवीं कक्षा में कोई विषय चुना (मानविकी/Humanities, कॉमर्स या विज्ञान), लेकिन उसने बारहवीं के बाद किसी भी कारणवश किसी दूसरे विषय का कोर्स चुनना पड़ा?

हो सकता है कि आपके आस पास कोई ऐसा हो, लेकिन मैं आपको बताना चाहता हूं कि ऐसे करने वाले लोगों की कमी नहीं है। वास्तविकता में ऐसे छात्र अपने जीवन के दो महत्वपूर्ण वर्ष उस विषय को पढने में बर्बाद कर देते हैं जिनमें उसे अपना करियर नहीं बनाना। ऐसी स्थिति में हर व्यक्ति को दसवीं के बाद विषय के चुनाव/ subject selection after 10th करते समय सकर्त रहना चाहिए।

दसवीं के बाद विषय का चुनाव/ Courses after 10th

क्या आप किसी ऐसे व्यक्ति को जानते हैं जिसने दसवीं कक्षा में कोई विषय चुना (मानविकी/Humanities, कॉमर्स या विज्ञान), लेकिन उसने बारहवीं के बाद किसी भी कारणवश किसी दूसरे विषय का कोर्स चुनना पड़ा?

हो सकता है कि आपके आस पास कोई ऐसा हो, लेकिन मैं आपको बताना चाहता हूं कि ऐसे करने वाले लोगों की कमी नहीं है। वास्तविकता में ऐसे छात्र अपने जीवन के दो महत्वपूर्ण वर्ष उस विषय को पढने में बर्बाद कर देते हैं जिनमें उसे अपना करियर नहीं बनाना। ऐसी स्थिति में हर व्यक्ति को दसवीं के बाद विषय के चुनाव/ subject selection after 10th करते समय सकर्त रहना चाहिए।

यदि आप ज्योतिषीय परामर्श के बाद विषय का चुनाव करते हैं तो आप हमेशा सफल रहते हैं। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि आपकी कुंडली आपके पूरे जीवन का सार होता है और दसवीं के बाद विषय चुनाव आपके जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होता है। लेकिन सही विषय के चुनाव के लिए भविष्यवाणी केवल एक विद्वान ज्योतिषी ही कर सकता है, जिसे वैदिक ज्योतिष में महारत हासिल हो और उसे इस प्रकार की भविष्यवाणी करने का अनुभव हो।

यदि आप इस विषय से संबंधित दुविधा से गुजर रहे हैं, तो इस लेख को पढ़ कर आपकी दुविधा खत्म हो जाएगी। मैं एक वैदिक ज्योतिषी/ best astrologer हूं जो आपको दसवीं के बाद सही विषय का चुनाव करने में सहायता कर सकता हूं।

 

ज्योतिष बारहवीं के बाद कोर्स के चुनाव में मदद करता है/ Astrology helps in selecting courses after 12th

क्या आप उन लोगों में हैं जिन्होने अभी बारहवीं पूरी की है और उन्हें पता नहीं है कि अब आगे क्या करें?

मुझे आज्ञा दीजिए कि मैं आपको इस विषय में और जानकारी दूं।

 

ज्योतिष बारहवीं के बाद कोर्स के चुनाव में मदद करता है/ Astrology helps in selecting courses after 12th

क्या आप उन लोगों में हैं जिन्होने अभी बारहवीं पूरी की है और उन्हें पता नहीं है कि अब आगे क्या करें?

मुझे आज्ञा दीजिए कि मैं आपको इस विषय में और जानकारी दूं।

आपके मन में सवाल जरूर उठ रहा होगा कि मैं ही क्यों?

क्योंकि, मैं आपकी कुंडली को देखकर आपके लिए सबसे उत्तम करियर का चुनाव कर सकता हूं। यहां सबसे उत्तम का अर्थ है वह करियर जिसमें आपको सबसे ज्यादा सफलता और आर्थिक लाभ हो। और यह सिर्फ तभी हो सकता है जब आप ज्योतिष की सहायता से बारहवीं के बाद कार्स का चुनाव करें।

जन्म तिथि (कुंडली) के आधार पर विषय का चुनाव पर आप भरोसा कर सकते हैं क्योंकि वैदिक ज्योतिष में इस बात को एक अहम स्थान दिया गया है।

एक बार आपको अपने लिए सबसे उत्तम पेशे का पता चल जाए तो आप उसी दिशा में अपने आप झोंक कर कार्स कर सफलता पा सकते हैं।

मैं वैदिक ज्योतिष की सहायता से आपकी मानसिक क्षमता के विकास और किसी भी कार्य में आपकी भागीदारी के बारे में बता सकता हूं। इसलिए मैं बता सकता हूं कि आपको किस विषय का चुनाव करने से सफलता मिल सकती है। इसलिए एक बात को आपको समझनी होगी कि आपके करियर की सफलता की कुंजी जन्म तिथि पर आधारित होती है।

एक भरोसेमंद और सक्षम ज्योतिषी आपके जीवन के हर मिनट का विश्लेषण कर सकते हैं। यदि इसको आसान भाषा में समझें तो ज्योतिष आपको इलेक्ट्रॉनिक्स या कंप्यूटर इंजीनियरिंग में से सबसे उत्तम विकल्प के चुनाव में सहायक साबित हो सकता है।

उच्च शिक्षा और प्रतियोगी परीक्षाओं/ competitive exams के लिए विषय का चयन

ऐसा हो सकता है कि आपको अपने भविष्य को लेकर बहुत सारी शंकाएं है। मैंने बहुत सारे लोगों को अलग अलग मास्टर डिग्री करते हुए देखा है, क्योंकि वह तय नहीं कर पाते कि उनके लिए सबसे उत्तम क्या है?

यदि सही विषय चयन के लिए परामर्श सही समय पर किया जाए तो सही कोर्स का चयन एक सुखद अंत की तरफ संकेत देता है।

उच्च शिक्षा और प्रतियोगी परीक्षाओं/ competitive exams के लिए विषय का चयन

ऐसा हो सकता है कि आपको अपने भविष्य को लेकर बहुत सारी शंकाएं है। मैंने बहुत सारे लोगों को अलग अलग मास्टर डिग्री करते हुए देखा है, क्योंकि वह तय नहीं कर पाते कि उनके लिए सबसे उत्तम क्या है?

यदि सही विषय चयन के लिए परामर्श सही समय पर किया जाए तो सही कोर्स का चयन एक सुखद अंत की तरफ संकेत देता है।

ज्योतिष द्वारा कोर्स और विषय का चुनाव से व्यक्ति को अपने छिपे हुए प्रतिभाओं और कौशल को खोजने में मदद मिल सकती है।

ज्योतिषीय परामर्श आपको नीचे दिए गए स्थिति से बचा सकता है –

  • उच्च शिक्षा के लिए गलत कोर्स का चुनाव करने से।
  • आप जिस प्रतियोगी परीक्षा में भाग लेने की योजना बना रहे हैं, उसके लिए आप गलत विषयों का चयन करने से।
  • गलत जगह पर गलत विश्वविद्यालय में दाखिला लेने से।
  • गलत प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर के समय और धन दोनों बर्बाद करने से।
  • शिक्षा ऋण/Education loan लेना जिसे चुकाना मुश्किल हो जाए ऐसी स्थिति से बचाने में।
  • गलत विषयों के चुनाव के संबंध में कोई गलत निर्णय लेना।

क्या आप इन गलतियों के होने का इंतजार कर रहे हैं? नहीं ना! तो आप किस बात की प्रतीक्षा कर रहे हैं, अभी सही विषय के चुनाव के लिए परामर्श लें और अपने आप को किसी गंभीर समस्या/ consultation for the right subject selection में पड़ने से बचाएं।

विषय चुनाव का ज्योतिषीय सारांश/ Astrological synopsis of subject selection

एक ज्ञानी ज्योतिषी के पास बहुत सारे उपकरण है जिसकी सहायता से वह –

  • दसवीं के बाद विषय का चुनाव
  • बारहवीं के बाद विषय का चुनाव
  • और उच्च शिक्षा के लिए कोर्स का चुनाव कर सकता है।

एक ज्योतिषी को यह सब करने के लिए नीचे दिए गए कारकों पर कार्य करने की आवश्यकता पड़ती है।

विषय चुनाव का ज्योतिषीय सारांश/ Astrological synopsis of subject selection

एक ज्ञानी ज्योतिषी के पास बहुत सारे उपकरण है जिसकी सहायता से वह –

  • दसवीं के बाद विषय का चुनाव
  • बारहवीं के बाद विषय का चुनाव
  • और उच्च शिक्षा के लिए कोर्स का चुनाव कर सकता है।

एक ज्योतिषी को यह सब करने के लिए नीचे दिए गए कारकों पर कार्य करने की आवश्यकता पड़ती है।

  1. बुद्धि की क्षमता के लिए बृहस्पति की शक्ति का आंकलन किया जाता है।
  2. ज्ञान ग्रहण करने की क्षमता के लिए बुध की शक्ति का आंकलन होता है।
  3. दूसरे भाव के बल का भी आंकलन किया जाता है। यह प्रारंभिक शिक्षा और बोलने की क्षमता के बारे में बताता है।
  4. चौथे भाव की शक्ति का आंकलन होता है।
  5. अंत में पंचम भाव की शक्ति का आंकलन किया जाता है।

यदि कोई इस प्रक्रिया का पालन करता है तो वह जन्म तिथि के आधार पर विषय का चुनाव/ subject selection by date of birth करने में सफल हो सकता है।

इस पूरे लेख का सारांश यह कहता है कि ज्योतिष के आधार पर विषय का चुनाव आपके लिए बेहद जरूरी है। इसलिए आपको सबसे पहले जन्म तिथि के आधार पर विषय के चुनाव के लिए परामर्श लेना होगा और फिर उसके बाद ही अपने लिए सबसे उत्तम करियर का चुनाव करें।

कोर्स के चयन पर किसी विशेष मार्गदर्शन के लिए, आप नीचे मौजूद तरीकों के माध्यम से सहायता ले सकते हैं:

दसवीं और बारहवीं के बाद सर्वश्रेष्ठ कोर्स के चुनाव पर ऑनलाइन रिपोर्ट लें।

आप हमारी वेबसाइट पर मौजूद अन्य लेखों को भी पढ़ सकते हैं। इन लेखों से आप जान जाएंगे कि ज्योतिष की सहायता से आपको सरकारी नौकरी कैसे मिल सकती है। इसके सिवाय आप नौकरी की भविष्यवाणी, नौकरी की समस्याएं, जन्म कुंडली में कोई नौकरी के योग, नौकरी बदलना या प्रमोशन/Job or Pormotion और आपकी राशि के अनुसार करियर के विषय में भी लेख पढ़ सकते है।

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विशिष्ट मार्गदर्शन के लिए, आप नीचे दिए गए तरीकों से संपर्क साध सकते हैं:

पूछे जाने वाले प्रश्न

शिक्षा के लिए बुध और बृहस्पति ग्रह मुख्य स्थान रखते हैं, क्योंकि यह बौद्धिकता को दर्शाता है तथा दूसरा ज्ञान की क्षमता प्रदान करता है। इसके अलावा कुंडली में पंचम भाव का स्वामी महत्वपूर्ण होता है। शिक्षा के संबंध में अधिक जानकारी के लिए आप परामर्श प्राप्त कर सकते हैं।

कुंडली में मौजूद पंचम भाव और उसके स्वामी की स्थिति के साथ ही नवम भाव और उसके स्वामी का शुभ एवं मजबूत स्थिति में होना उच्च शिक्षा के लिए महत्वपूर्ण बनता है। इसके अन्य कारक भी हैं, जिनका पता कुंडली के पूर्ण विश्लेषण के द्वारा ही पता चल सकता है।

कोई भी व्यक्ति अपनी जन्म तिथि से अपने आने वाले करियर और अपने लिए उचित विषयों का चयन कर सकता है। कुंडली की सहायता से आप जान सकते है की आपके लिए आर्ट्स, गणित साइंस इत्यादि जैसे सब्जेक्ट में से कौन सा विषय सबसे अच्छा साबित हो सकता है।

 

बिलकुल, जन्म कुंडली द्वारा अपने लिए सही विषय का चयन करना एक उचित निर्णय होगा, क्योंकि एक सही विषय ही आपको अपने करियर में सफलता की बुलंदियों तक पहुंचा सकता है और एक गलत विषय का चयन आपके करियर के लिए नुकसान का कारण बन सकता है।

 

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुंडली में मौजूद ग्रहों की स्थिति विषय चुनने/ choosing the subject as per astrology के लिए बहुत सहायक बनती है। आपकी कुंडली का पंचमेश की स्थिति इस में सहायक बन सकती है। ज्यादा जानकारी के लिए आप एक वैदिक ज्योतिषी से परामर्श लें।

 

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