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पांचवें भाव में मंगल

लाल ग्रह मंगल, पांचवें भाव में स्थित होने पर, व्यक्ति की बुद्धि, रचनात्मकता, गतिशीलता और उत्साह जैसे  गुणों के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डालता है। इसके अलावा, व्यक्ति की कुंडली में मंगल की उपस्थिति उसे अशांत, आक्रामक और हाइपर बनाती है। इस तरह, व्यक्ति के जीवन पर इस ग्रह के, शुभ और अशुभ दोनों 

 

ही प्रकार के प्रभाव पड़ते हैं। साथ ही, यह इन व्यक्तियों की अंतर्निहित प्रतिभाओं की खोज के लिए भी जिम्मेदार होता है। यह पाया गया है कि बचकाना व्यवहार करने वाले ये व्यक्ति, खेलों के प्रति गहरी रुचि रखते हैं तथा इनका विवाह प्रशंसनीय रूप से रोमांटिक होने की संभावना होती है और दोनों पार्टनर एक-दूसरे से बड़ी उम्मीदें रखते हैं। पांचवें भाव में स्थित मंगल रचनात्मकता, वैवाहिक जीवन, शारीरिक सुख, बुद्धि, संतान और प्रेम प्रसंग जैसे विभिन्न क्षेत्रों को प्रभावित करता है।


पांचवें भाव में स्थित मंगल के शुभ प्रभाव/ Benefic Effects of Mars in the 5th House

पांचवें भाव में स्थित यह लाल ग्रह, व्यक्ति को जीवन के सभी क्षेत्रों में उत्साही और ऊर्जावान बनाए रखता है तथा जीवन के प्रति सच्चा दृष्टिकोण, जीवन को सकारात्मक रूप से जीने की ओर प्रवृत्त करता है। इसके अलावा, ये अपने पारिवारिक सदस्यों के साथ ही, दूसरों के लिए भी गहरा सम्मान रखते हैं तथा अन्य लोगों को हमेशा ही, नैतिक और आर्थिक दोनों प्रकार का अत्यधिक सहयोग करने के लिए तैयार रहते हैं। ऐसा देखा गया है कि ग्रहों की ऐसी स्थिति वाले व्यक्ति, नैतिक रूप से सही होते हैं हालांकि, कुंडली में मंगल का स्थान भी, इन व्यक्तियों के जीवन में आधार स्वरूप  महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह व्यक्ति, कभी भी अपने अतीत को याद नहीं करते और हमेशा बिना किसी पछतावे के आगे बढ़ते रहते हैं। साथ ही, इन लोगों के बच्चों में भी असाधारण बुद्धि और कौशल होता है जो उन्हें साधारण बच्चों से अलग बनाता है।

 

पांचवें भाव में मंगल की स्थिति, व्यक्ति को विपरीत लिंग की ओर प्रवृत्त करती है, जिससे वे लव लाइफ के प्रति अत्यधिक जिज्ञासु रहते हैं तथा रचनात्मक रूप से स्वयं को व्यक्त करने वाले ये लोग, अपने प्रेम संबंधों पर अत्यधिक गंभीरता से विचार करने के साथ ही, सामाजिक रूप से इश्कबाज और विषयासक्त व्यवहार करने वाले होते हैं। इसके अलावा, इनके पास जीवन के प्रति विशाल दृष्टिकोण वाली स्पष्ट दृष्टि होती है। पांचवें भाव में मंगल का स्थान, इनकी बुद्धि और कौशल पर लाभकारी प्रभाव डालता है, जो इन्हें दूसरों से अलग बनाता है। इसके अतिरिक्त, इन्हें अचानक धन और ज्ञान की प्राप्ति होने की भी संभावनाएं रहती हैं। पांचवें भाव में मंगल की स्थिति, इन लोगों को सौभाग्य, समृद्धि और आशावादिता प्रदान करती है।


पांचवें भाव में स्थित मंगल के अशुभ प्रभाव/ Malefic Effects of Mars in the 5th House

सब कुछ सकारात्मक नहीं है और मंगल भी इसी का भाग है। अतः, पांचवें भाव में स्थित मंगल का, व्यक्तियों के जीवन पर अशुभ प्रभाव भी पड़ता है, जिससे वे छोटी-छोटी बातों पर अपना गुस्सा व्यक्त करते हैं और शांत नहीं रह पाते हैं, जो उनके ज्ञान और रचनात्मकता को प्रभावित करता है। इसके अलावा, पांचवें भाव में स्थित मंगल उन्हें अमानवीय, आक्रामक और लापरवाह बनाता है। कभी-कभी, प्रेम संबंधों में गंभीर मतभेदों के परिणाम स्वरूप अपने साथी को खो देते हैं तथा अक्सर ही, आत्म-सम्मान और आत्म-अभिव्यक्ति को बढ़ाने में निष्फल रहते हैं। इसके साथ ही, प्रेम संबंधों पर मंगल के प्रतिकूल प्रभावों के कारण, दोनों साथी एक-दूसरे से जुदा हो सकते हैं।

 

इसके अतिरिक्त, अपने विध्वंसक व्यवहार के कारण यह व्यक्ति, अपने नैतिक मूल्यों को खोकर अनैतिक हो जाते हैं, जो उनके प्रेम संबंधों में संकट उत्पन्न करता है। इसके साथ ही, संबंधों से संबंधित मामलों में भी यह ग्रह, व्यक्ति को कम जिम्मेदार और संवेदनशील बनाने के लिए भी जिम्मेदार होता है तथा परिवार के प्रति अत्यधिक क्रोधी भावनाएं मजबूत प्रदर्शित करते हैं। 

पांचवें भाव में मंगल की स्थिति, इन लोगों के विचारों को अव्यवस्थित करके, कुछ हद तक कामुकता का कारण भी बनती है। 

 

संक्षेप में कहा जाए तो वैदिक ज्योतिष के अनुसार, जन्मकुंडली में मंगल व्यक्ति के जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है तथा एक कठोर ग्रह के रूप में, यह व्यक्ति के जीवन को सकारात्मक और नकारात्मक दोनों तरह से प्रभावित करता है। जहां, पांचवें भाव में स्थित मंगल व्यक्ति को रोमांटिक, मनभावन, बुद्धिमान और रचनात्मक बनाता है वहीं, यह व्यक्ति को आक्रामक, अपमानजनक और आत्मकेंद्रित बनाने के लिए भी जिम्मेदार होता है। अतः, इससे प्रभावित व्यक्तियों को अपने कार्यों पर नजर रखने के साथ ही, प्रेम संबंधों के संदर्भ में सावधान रहने की सलाह दी जाती है। इसके बावजूद, मंगल व्यक्ति को धन, भाग्य और बुद्धि भी प्रदान करता है।

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