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दसवें भाव में मंगल/Mars in 10th house

दसवें भाव में मंगल/ Mars in 10th house तभी सफलता दिला सकती है। जब मंगल की मेष या वृश्चिक स्वराशि दसवें भाव में न हो तो मंगल, दसवें भाव में होने पर उत्तम परिणाम देता है। हालांकि, मंगल के साथ अन्य ग्रहों की मौजूदगी, दसवें भाव में मंगल के प्रभाव को कम करती है। इसके अलावा, बारहवें भाव में शनि, राहु, सूर्य या बृहस्पति के नहीं होने के साथ ही, पुरुषों की नवांश कुण्डली में बारहवें या दूसरे भाव में तथा महिलाओं की त्रिशांशा में बारहवें या दूसरे भाव में मंगल हो सकता है। 

 

दसवें भाव में मंगल का व्यक्ति पर प्रभाव/ Impact of Mars in the Tenth House on Native

मंगल का अपने स्वामी के साथ संबंध, एक अन्य महत्वपूर्ण कारक है। जहां, आठवें या छठे भाव में स्थित बृहस्पति, मंगल के पूर्ण प्रभाव में एक और बाधा का काम करता है वहीं, अपनी उच्च राशि में मंगल के प्रभावों में इसका कोई अंतर नहीं होता तथा मंगल, सिंह राशि के दसवें भाव में अकेला होने पर, बेहतर परिणाम देता है। एक ज्योतिषी को इन सभी पहलुओं का अच्छी तरह से अध्ययन करके, फिर समाधान तक पहुंचना चाहिए। 

 

मंगल करियर और बिजनेस से संबंधित  मामलों में उत्तम परिणाम दे सकता है, चाहे वह पूंजीगत वस्तुओं का उत्पादन हो या सिर्फ उपभोक्ता वस्तुओं का बिजनेस। जन्मकुण्डली में शनि का स्थान तथा शनि और मंगल का पारस्परिक संबंध, प्रत्येक औद्योगिक उद्यम लिए शनि के मुख्य विषय को ध्यान में रखना होता है। मंगल सभी प्रकार के इलेक्ट्रिकल सामानों के साथ ही, उनके  निर्माण में भी मदद करता है। इसके अलावा, राजनीतिक करियर से संबंधित लोगों को शानदार परिणाम और सफलता देने के साथ ही, संपत्ति से जुड़े मामलों में मदद करता है। 

 

लेकिन, मिथुन राशि के दसवें भाव में स्थित मंगल, तीसरे और आठवें भाव पर शासन करता है। जहां, मिथुन राशि के दसवें भाव और मंगल के चौथे भाव वाले व्यक्ति, करियर और संपत्ति से संबंधित मामलों का लाभ उठाते हैं वहीं, मिथुन राशि के दसवें भाव में स्थित मंगल, राजनीतिक मामलों पर विजय नहीं दिला सकता।

 

कुछ दक्षिण भारतीय ज्योतिषी, नौवें भाव को पिता पर शासन करने वाला मानते हैं। इसके विपरीत, उचित विचारधारा के अनुसार, दसवां भाव पिता को शासित करता है। नौवां भाव जमीन-जायदाद, संपत्ति, कभी-कभी सत्ता में पद, व्यापार और पिता द्वारा शासित उद्योगों से संबंधित होता है तथा चौथा भाव माता को शासित करता है। वहीं, चौथे भाव से सातवां भाव, दसवां भाव होता है जो जीवनसाथी (पति) की माता के बारे में बताता है। दसवें भाव पर आधारित, समृद्धि या दरिद्रता और पिता के स्वास्थ्य संबंधी सवालों को जाना जा सकता है। इसके अलावा, मंगल और दशमेश के बीच सौहार्दपूर्ण संबंधों की कमी होने या दोनों के जन्मकुंडली में 6:8 की स्थिति में होने पर, पिता और संतान के बीच संबंध अधिक औपचारिक होंगे। हालाँकि, ये मेल विरक्ति, नीरसता या द्वेष का कारण नहीं होगा।

 

दसवें भाव में मंगल वाले व्यक्तियों की, बाल्यावस्था और किशोरावस्था में स्नेह तथा देखभाल की कमी नहीं होती है। इसी तरह, पिता को भी नियमित रूप से पुत्र का सहयोग, मदद और सेवा प्राप्त होती है।

 

पिता-पुत्र के संबंधों का निर्णय करने में, पत्नी अत्यधिक  महत्व रखती है। हालांकि, बहुत कुछ पुत्र की मां और पत्नी की कुंडली पर निर्भर करता है। वहीं, पुत्री के संबंध में वे काफी सक्षम रहते हैं तथा पिता के लिए ज्यादा समस्याएँ उत्पन्न नहीं करते। हालांकि, यह मंगल की स्थिति के अलावा, पिता और बच्चों दोनों के सितारों पर अत्यधिक निर्भर करता है।

आप हमारी वेबसाइट से सभी भावों में मंगल के प्रभावग्रहों के गोचर और उसके प्रभावों के बारे में भी पढ़ सकते हैं।

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