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आठवें भाव में बुध | Mercury in Eighth house

वैदिक ज्योतिष के अनुसार आठवें भाव में विराजमान होने की स्थिति बुध के लिए काफी कठिन और बाधाओं से सम्मिलित रहती है। यहाँ तक की यदि बुध व्यक्ति के कुंडली के लग्न भाव में भी भी विराजमान हो तो उतना उसे प्रभावित नहीं कर पाता है, जितना किया जाना चाहिए। आठवें भाव में बुध/Mercury in Eighth house की स्थिति होने से व्यक्ति का दिमाग काफी सुस्त हो सकता है और उनमें कुछ भी सीखने की इच्छा काफी धीमी हो सकती है। यहाँ तक की व्यक्ति का तेज दिमाग भी उचित फैसले लेने के समय काम नहीं कर पाता है और व्यक्ति मजबूरन कुछ गलत फैसले भी लेने को मजबूर हो जाते हैं। आठवें भाव में बुध की उपस्थिति होने की वजह से व्यक्ति उन कामों को पूरा करने में भी सक्षम नहीं हो पाते हैं जिनकी जिम्मेवारी उन्हें दी जाती है। उनमें काम करने की इच्छा की कमी के कारण के वो अक्सर दूसरों पर निर्भर रह सकते हैं। कार्यस्थल पर व्यक्ति अपने कामों के लिए सहयोगियों पर निर्भर हो जाता है, ताकि वो उनका काम पूरा कर सके। ऐसी स्थिति में व्यक्ति अपना काम पूरा करवाने के लिए किसी भी हद तक जा सकता है। वो दूसरों को डराने धमकाने से भी पीछे नहीं हटते। 

 

ऐसी स्थिति उन लोगों के लिए काफी गंभीर हो सकती है जो पेशे से शिक्षक, पत्रकार, याचिका लेखक, वकील, लेखाकार, कहानी या संवाद लेखक या किसी प्रोडक्शन टीम में से जुड़े होते हैं। ऐसे व्यक्ति लिखने के काम से जुड़े होते हैं और इनकी गणना समाज में रूढ़िवादी कार्यों से जुड़े लोगों की श्रेणी में की जा सकती है। ऐसे लोग अक्सर अपने पिछले कार्य की प्रकृति में ही दोहराव करना पसंद करते हैं। ऐसे व्यक्ति कभी भी खुद को किसी तरह की चोरी यहाँ तक की साहित्यिक चोरी में भी संलिप्त नहीं पाते हैं।  ऐसे व्यक्ति जो टाइपिस्ट, आशुलिपिक या क्लर्क के पद पर कार्यरत होते हैं अपने कमा को लंबित रखते हुए और सौंपे हुए काम को को बकाया रखने में खुद को काम के बोझ के तले रखने में सहज महसूस करते हैं। 

 

यदि यक्ति किसी ऐसे काम से जुड़ा होता है, जिसके लिए उन्हें अक्सर भाषण या अपनी भाषा शैली का उपयोग करने की आवश्यकता होती है, जैसे वकील, शिक्षक या नेता आदि। ऐसे व्यक्ति का इरादा संक्षेप में पूरे मामले की जानकारी देना होता है ना की विषय की गंभीरता को समझते हुए उसका विश्लेषण करना। चाहे वह व्याख्यान हो, तर्क हो, बहस हो, चर्चा हो या प्रतिनिधित्व हो, वे इसके बारे में लापरवाह होते हैं और हमेशा भाषण को जल्द से जल्द खत्म करने का इरादा रखते हैं, वे किसी भी महत्वपूर्ण हिस्से को छोड़ने से भी नहीं हिचकिचाते हैं। उनकी दिलचस्पी हमेशा काम को जल्दी खत्म करने में होती है न की उसकी गुणवत्ता पर ध्यान देने में।  

 

आठवें भाव में बुध का नकारात्मक प्रभाव/Negative impact of mercury in eighth house

व्यक्ति की कुंडली में बुध की उपस्थिति होने से वे किसी किसी भी लिखित साक्ष्य में हस्तक्षेप करने या उसे नष्ट करने और वास्तविक दस्तावेजों से बदलने से पहले दो बार नहीं सोचते हैं। वे अपने पहले दिए गए बयानों में उतार-चढ़ाव या अचानक बदलाव लाने की सबसे अधिक संभावना रखते हैं और अपने प्रबिष्टियों को अस्वीकार करते हैं, चाहे वह मौखिक हो या लिखित। हालाँकि बुध के पहले, दसवें या ग्यारहवें भाव में होने से व्यक्ति के किसी गलत काम में लिप्त होने की संभावना बढ़ जाती है।  

 

आठवें भाव में बुध का सकारात्मक प्रभाव/ Positive impact of mercury in eighth house

वैदिक ज्योतिष/Vedic Astrology के अनुसार आठवें भाव में बुध की उपस्थिति से व्यक्ति खोया थो जरूर महसूस करता है लेकिन उनके बेहतर होने की संभावना काफी बढ़ जाती है। अपने गलत कामों के लिए व्यक्ति का पश्चाताप तभी कारगर साबित हो सकता है जब वे अपनी बुरी आदतों का त्याग करें और बिना किसी बाधा के उसे त्याग कर ज्योतिषियों द्वारा बताए गए उपायों पर अमल करे। ऐसे व्यक्तियों को उपायों को गंभीरता के साथ अमल करने की आवश्यकता होती है ताकि वे अपने सभी नकारात्मक लक्षणों में बदलाव ला सकें। 

 

आठवें भाव में बुध का सेहत पर प्रभाव / Impact of mercury in eighth house on health

कुंडली के आठवें भाव में बुध/mercury in eighth house in Kundli से व्यक्ति में हकलाने का विकार उत्पन्न हो सकता है, विशेषरूप से जब वह द्वितीय भाव का स्वामी होता है। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार आठवें भाव में बुध की उपस्थिति होने से व्यक्ति में बोलने की असंगति जैसे हकलाना, गड़गड़ाहट और अन्य प्रकार के बोलने से संबंधित दोष उत्पन्न हो सकते हैं। बुध की इस विशेष स्थिति के कारण व्यक्ति को सुनने में भी समस्या आ सकती है, आंशिक या पूर्ण सुन्नता से ग्रसित हो सकते हैं।  इस ज्योतिषीय घटना के कारण कुछ लोग जन्म से भी इन विकारों से पीड़ित हो सकते हैं, जबकि कुछ लोगों में यह सभी विकार जन्म के बाद भी विकसित हो सकते हैं। इसके साथ ही कुछ लोगों में यह सभी तरह के विकार उनके स्कूली दिनों में भी घबराहट या झिझक के कारण उत्पन्न हो सकता है।  व्यक्ति के वयस्क दिनों में विशेष रूप से कॉलेज के दिनों में किसी तरह की बहस या किसी का नकल करने का परिणाम हो सकता है या व्यक्ति में हीन  भावना विकसित होने के कारण भी हो सकता है। व्यक्ति की कुंडली के आठवें भाव में बुध की स्थिति होने से व्यक्ति बातचीत में अप्रासंगिक शब्दों या वाक्यांशों का बार-बार प्रयोग करने से भी बाज नहीं आता है।  आठवें भाव में बुध की स्थिति होने से व्यक्ति को खरगोश, कुत्ता, लोमड़ी या सियार आदि के काटने का खतरा बना रहता है। बुध की इस ज्योतिषीय स्थिति के कारण व्यक्ति को किसी तरह का वाहन चलते समय अपने साथ यात्रा कर रहे लोगों या सड़क पर पैदल चलने वालों की स्पष्ट स्थिति का आकलन कर पाना मुश्किल हो जाता है। गौरतलब है कि, ऐसे लोगों को सड़क पर चलते समय अधिक सावधानी बरतनी चाहिए जिससे वह दुर्घटनाओं का शिकार होने से खुद को और दूसरों को बचा सकें।  

आप हमारी वेबसाइट से सभी भावों में बुध के प्रभावग्रहों के गोचर और उसके प्रभावों के बारे में भी पढ़ सकते हैं।

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