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तीसरे भाव में बुध | Mercury in 3rd house

ज्योतिष में बुध को महत्वपूर्ण ग्रहों में से एक माना जाता है जो संचार, ज्ञान और मानसिकता को दर्शाता है तथा यह, व्यक्तियों को बड़े पैमाने पर प्रभावित कर सकने वाली सूक्ष्म घटनाओं का कारण बनता है। तीसरे भाव में इसकी मौजूदगी भाई-बहन, विचारधारा, लेखन, बोलचाल, छोटी यात्राएं, आसपास के वातावरण के प्रभाव, पड़ोसियों तथा भाषा शैली, विचारों, संचार जैसे संचार माध्यमों को व्यवस्थित करती है। अतः, इस ग्रह के तीसरे भाव में स्थित होने पर, जिज्ञासु और उत्सुक प्रवृत्ति के कारण व्यक्ति सांसारिक घटनाओं में गहरी रुचि ले सकता है। इसके अलावा, तीसरे भाव में बुध की मौजूदगी व्यवसाय, व्यापक हितों, संबंधों के बंधन, संचार और अभिव्यक्ति जैसे क्षेत्रों को प्रभावित करती है। 

 

तीसरे भाव में बुध का शुभ प्रभाव/ Benefic Effects of Mercury in the 3rd House

जन्मकुंडली के तीसरे भाव में बुध/Mercury in the third house of birthchart वाले व्यक्ति पढ़ने, बोलने, पढ़ाने, विचारों का आदान-प्रदान करने और रोजमर्रा की घटनाओं के प्रति सचेत रहने में गहरी रुचि रखने के साथ ही, गॉसिप करने के भी शौकीन होते हैं। हाज़िरजवाब होने के कारण अत्यधिक बातूनी इन लोगों में, दूसरों के साथ अपने ज्ञान को साझा करने की प्रवृत्ति होती है। इसके अलावा, ये अपने समुदाय में एक सदस्य-निर्माता के रूप में सम्मिलित हो सकते हैं। हालांकि, इनमें से कुछ लोग अत्यधिक व्यग्र और अधीर भी होते हैं।

 

इन लोगों को जीवन में व्यावसायिक या शैक्षिक कारणों से छोटी यात्राएं करनी पड़ सकती हैं। तीसरे भाव में बुध वाले व्यक्ति, समस्त व्यापारों के अच्छे जानकार होते हैं तथा एक साथ कई कार्य कर सकने के कारण, अक्सर एक साथ एक से अधिक पाठ्यक्रमों का अध्ययन करते हैं। तीसरे भाव में स्थित बुध लेखन, छोटी यात्राओं, संचार आदि से संबंधित होता है। यह बुध का ऐसी उचित स्थिति है जहां बुध के बेहतर अनुभव करने के कारण, व्यक्ति सहजतापूर्वक अपने विचारों को व्यक्त कर पाते हैं तथा अपने विचारों को रचनात्मकता और बहुमुखी प्रतिभा द्वारा, व्यावहारिक रूप देने के लिए सजगतापूर्वक कठोर परिश्रम करते हैं। इनका अपने भाई-बहनों से भी गहरा जुड़ाव होता है।

 

इसके अतिरिक्त, तीसरे भाव में बुध वाले लोग सावधानीपूर्वक अपने कार्यों को कर्तव्यों के आड़े नहीं आने देने की कोशिश करते हैं तथा स्वयं सब कुछ  प्रबंधित नहीं कर पाने पर, किसी अन्य व्यक्ति से इससे संबंधित बात करने की प्रवृत्ति रखने के कारण, अन्य व्यक्ति की मदद मांगने के लिए अपने अच्छे संचार कौशल की निपुणता का प्रयोग करते हैं। साथ ही, अपना बोझ हल्का करने और राहत पाने के लिए दूसरों को अपनी समस्याओं में सम्मिलित करने में संकोच नहीं करते। वहीं, इन लोगों को समय-समय पर  आराम करने की आवश्यकता पड़ती है अन्यथा, इन्हें बुरी तरह थकान का अनुभव करना पड़ सकता है जो इनके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है। अपनी चतुराई से ये व्यक्ति अपनी नौकरी, परिवार और सामाजिक जीवन को बेहतर ढंग से संभालना सीख जाते हैं जिसके चलते, इन्हें दुनिया का परिचय पाने का  भी पर्याप्त समय मिल जाता है।

 

तीसरे भाव में बुध का अशुभ प्रभाव/ Malefic Effects of Mercury in the 3rd House

जन्मकुंडली के तीसरे भाव में बुध वाले व्यक्ति, विभिन्न क्षेत्रों में रुचि रखने के कारण, कई विषयों के जानकार तो होते हैं लेकिन किसी भी विषय में पूरी तरह से तल्लीन होना इनके लिए मुश्किल हो जाता है जिसके चलते, इन लोगों में किसी भी चीज का पूरा ज्ञान और निपुणता नहीं होती है। किसी एक विषय पर अधिक समय तक अटके नहीं रहने वाले ये व्यक्ति, कम समय में ही लोगों के लिए तुरंत राय बना लेते हैं।

 

संक्षिप्त रूप/  In a Nutshell

कुल मिलाकर, बुध ग्रह संचार और ज्ञान से संबंधित होता है, जिसके तीसरे भाव में स्थित होने पर, व्यक्ति की जिज्ञासु प्रवृत्ति में वृद्धि होती है। परिणामस्वरूप, ये लोग कई चीजों को जानने और सीखने में रुचि का अनुभव करते हैं लेकिन एक साथ बहुत सी चीजें सीखना शुरू करने पर, स्वयं के लिए विसंगतियां उत्पन्न कर लेते हैं जो इनकी एक मुख्य कमी होती है।

 

अतः, इन्हें पुरानी कहावत पर विचार करना चाहिए "आग में बहुत अधिक लोहा न रखें" अर्थात् एक साथ कई कार्यों में ना उलझें। दूसरे शब्दों में " जो कई चीजों का आरंभ तो करते है, लेकिन समाप्त कुछ को ही करते है।" यही कारण है कि अधिक से अधिक खोज करने की इच्छा के चलते, जन्मकुंडली के तीसरे भाव में बुध वाले लोगों के विवेकपूर्ण तरीकों से कार्य करने में विफल रहने के कारण, कुछ महत्वपूर्ण चीजों के हाथ से निकल जाने की संभावनाएं रहती हैं।  

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