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तीसरे भाव में शनि | Saturn in 3rd house

शनि के लिए, यह श्रेष्ठ स्थितियों में से एक है जो व्यक्ति को कठिन परिश्रम करने के साथ ही, कठिनाइयों और कट्टर विरोधियों का सामना करने का साहस देता है। अक्सर, इन व्यक्तियों द्वारा अपनाया गया दृष्टिकोण उचित और सफल साबित होता है तथा व्यक्ति एक पुलिस और रक्षा अधिकारी, देश के भीतर, सीमाओं, दुश्मन क्षेत्रों और रक्षा संरचनाओं के आयुध वैज्ञानिक सर्वेक्षक के रूप में, व्यावहारिक और अनुकूल परिणाम प्रदर्शित करने के साथ ही, सशस्त्र बलों या पैराट्रूपर या बॉम्बार्डियर के रूप में नियुक्त होने पर, कर्तव्यों और जिम्मेदारियों के निर्वहन में उपयोगी और प्रभावी साबित होते हैं।

 

चौथे भाव में शनि का प्रभाव/ Effects of Saturn in the Fourth House

आमतौर पर, अक्सर ऐसे व्यक्ति अपने या चचेरे भाई-बहनों की ओर मदद का हाथ तो बढ़ाते हैं, लेकिन बाहरी रूप से, उनके प्रति प्रेम और स्नेह का दिखावा नहीं करते तथा कभी-कभी अपने भाई-बहनों या चचेरे भाई-बहनों द्वारा मज़ाक में की गईं खिंचाई भले ही झेलते हैं लेकिन, एक-दूसरे की शारीरिक सेवा या सहायता करने से नहीं हिचकिचाते। हालांकि तीसरे भाव में शनि के, कारक चार्ट में भारती-कारक या मकर राशि में होने या मंगल के नौवें भाव में होने पर, तीसरे भाव में शनि की पूर्ण दृष्टि छोटे भाई या बहन के जीवन या अंग के लिए जोखिमपूर्ण होती है।

 

तीसरे भाव में शनि का अनिवार्य हिस्सा दसवें भाव का छठा स्थान होता है जो करियर, बिजनेस, कार्य और आजीविका को नियंत्रित करता है तथा शनि की यह स्थिति, बिना अधिक आर्थिक बोझ डाले शत्रुओं, प्रतिद्वंदियों, विरोधियों आदि पर विजय प्राप्त करने या उनका खात्मा करने में मदद करता है। यह ट्रेड यूनियन नेताओं, वैज्ञानिकों, टेक्नोक्रेट, उद्योगपतियों, रक्षा और औद्योगिक पुलिस इकाइयों के प्रबंधकों, पायलटों, रेल चालकों और रेल इंजीनियरों के साथ ही,  बड़े पैमाने पर कृषि कार्य करने वाले व्यक्तियों, श्रम आपूर्तिकर्ताओं और प्लेसमेंट सेवाओं, पेट्रोलियम व्यापारियों, लुब्रिकेंट, डीजल, एलाइड तेल, तिलहन व्यापारियों आदि के लिए भी उपयोगी होता है। ये व्यक्ति कड़ी मेहनत, दूरदर्शिता और स्वयं के प्रयत्नों से सफलता प्राप्त करते हैं। 

 

इसके अलावा, किसी व्यक्ति की युवावस्था में स्व-अर्जन शुरू करते समय ही शनि की महादशा होने या शुक्र, बुध या बृहस्पति की महादशा में शनि की अंतर्दशा होने की स्थिति में उस व्यक्ति को अपने आजिविका के कार्यों में उत्तम परिणामों की प्राप्ति होना लगभग निश्चित होता है। वहीं, तीसरे भाव का शनि, इन लोगों में कभी-कभी चाचा-मामा, मामी-मौसी तथा जीवनसाथी के भाई-बहनों और चचेरे भाई-बहनों से ईर्ष्या लाता है। हालांकि, यह असंतोष, चिंता या उस पक्ष से संबंधित परेशानियों को छोड़कर, सामान्य रूप से व्यक्ति को कोई नुकसान या हानि नहीं पहुंचा पाता है। अतः, इसके लिए हमेशा यह सलाह दी जाती है कि इन लोगों को चाचा-मामा, मामी-मौसी आदि के साथ पार्टनरशिप में बिजनेस नहीं करने के साथ अपने बिजनेस में उनको भागिदार नहीं बनाना चाहिए। इस स्थिति में विरासत या जायदाद के बंटवारे में परेशानी की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। इसके साथ साथ इन लोगों को अपने चचेरे और ममेरे भाई और बगनों से दूरी बनाना चाहिए।

 

प्रारंभिक युवा वर्षों या किशोरावस्था में ये व्यक्ति, खेल के मैदानों में या खेलने में दूसरी तरफ के खिलाड़ी गंभीर चोटों या हड्डी की चोट का कारण बन सकते हैं।  आमतौर पर, यह व्यक्ति प्राकृतिक, पालक या दत्तक मां की भावनाओं को आहत किए बिना, उनके पर्स से पैसे निकालते हैं। इसके अलावा, ये मातृ पक्ष की विरासत में  कभी भी अपना उचित हिस्सा नहीं खोते और कुछ मामलों में तो, स्पष्ट या गुप्त रूप से एक बड़ा हिस्सा प्राप्त करते हैं। अनुचित साधनों को अनुचित नहीं मानने के कारण, ये लोग छात्र जीवन और प्रतियोगिताओं में अनुचित साधनों का उपयोग करने में संकोच नहीं करते और सब कुछ उचित समझते हैं। 

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