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कुंडली के बारहवें भाव में शुक्र/Venus in the 12th House

वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुंडली का बारहवां भाव शुक्र/Venus in the 12th House के लिए एक असाधारण और नाजुक स्थिति मानी जाती है। ऐसा माना गया है कि, यह जानबूझकर व्यक्ति के जीवन पर नकारात्मक प्रभाव डालता है। यह व्यक्ति के जीवन में खासतौर से वैवाहिक पक्ष की बात करें तो किसी तीसरे के आने से रिश्ते में दरार की स्थिति भी उत्पन्न कर सकता है। इसके साथ ही यह व्यक्ति को उनके नजदीकी रिश्ते के प्रति काफी भावुक भी बना सकता है। ऐसी ज्योतिषीय स्थिति में व्यक्ति के जीवन में उनके जीवनसाथी के व्यक्तित्व से पड़ने वाला प्रभाव व्यक्ति को शराब और सिगरेट और अन्य नशीली पदार्थों के सेवन का आदि बना सकता है।  शुक्र की यह स्थिति व्यक्ति के आर्थिक जीवन में भी असंतोष की स्थिति उत्पन्न कर सकता है। 

कुंडली के बारहवें भाव में शुक्र/Impact of Venus in 12th house on your life

कुंडली के बारहवें भाव में शुक्र/Venus in the 12th House की स्थिति होने से यह व्यक्ति को विभिन्न प्रकार की वस्तुएं उपहार स्वरुप प्राप्ति करने में सहायता प्रदान करती है, लेकिन यह उन्हें अपने मौद्रिक लक्ष्य तक पहुंचने में कोई विशेष सहायता नहीं देती है। यदि ऐसे व्यक्ति किसी तरह की छानबीन या तहकीकात का हिस्सा बनते हैं, तो ऐसी स्थिति में उनके लिए विशेष रूप से खुद को प्रभावी ढंग से आत्मसमर्पण करना ही एकमात्र उपाय बच जाता है। हालांकि कुछ मामलों में ऐसे व्यक्ति अपना पाला बदलने से भी बाज नहीं आते हैं और जिस तरफ उन्हें फायदा दिखता है वो उसी तरफ चल पड़ते हैं। क्रिमिनल मामलों में या सिविल केस में लिप्त होने पर वे सिर्फ उससे  बाहर निकलने का ही रास्ता ढूंढते हैं और इसके लिए कुछ भी कर सकते हैं। अधिकांश तौर पर वह ऐसे मामले में किसी राजनीतिक दल के साथ जुड़ने या पॉलिटिक्स का हिस्सा बनने के कारण लिप्त हो सकते हैं। राजनीतिक स्थलों पर वे किसी तरह के औद्योगिक और व्यावसायिक कार्यों के लिए शराब परोसने के लिए भी कानूनी दांव पेंच में फंस सकते हैं। शुक्र के नकारात्मक प्रभाव के कारण ऐसे व्यक्ति को तस्करी या देह व्यापार में भी फसाया जा सकता है। हालांकि उन्हें इस मामले में दोषी करार दिया जा सकता है, क्योंकि उनके पिछले रिकॉर्ड भी कुछ अच्छे नहीं रहे हैं। कुंडली के इस भाव में शुक्र की स्थिति होने से व्यक्ति का झुकाव डांस, म्यूजिक, मूर्तिकला, पेंटिंग आदि में भी हो सकता है। 

 

संभव है कि, वे इस दिशा में अपने करियर का निर्माण करें। ऐसे व्यक्ति किसी भी लिंग के अन्य व्यक्ति के साथ काम करने में पूरी तरह से आरामदेह महसूस करते हैं। वे इस बात को लेकर चिंतित नहीं होते हैं कि, कहीं विपरीत लिंग के व्यक्ति के साथ काम करने से उनके बीच किसी प्रकार के रोमांटिक रिश्ते की शुरुआत ना हो। हालांकि उनके बीच जिंदगी जीने के तरीके और जिंदगी को देखने के नजरिये को लेकर मतभेद की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। दोनों के शिक्षा पद्धति और अपने वंशजों को लेकर भी वैचारिक मतभेद की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। कुंडली के बारहवें भाव में शुक्र/Venus in the 12th House की स्थिति होने से अधिकांश रूप से यह भी देखा गया है कि व्यक्ति अपने वैवाहिक जीवन में सहज समवेश होने के बावजूद भी एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर में लिप्त हो सकता है जिससे वैवाहिक जीवन में सुख -शांति में कमी आ सकती है। इसे खासतौर से अविवाहित पुरुष और महिला के जीवन से संबंधित एक विशेष बिंदु माना गया है यदि शुक्र मेष, सिंह , मकर या कुंभ राशि वालों की कुंडली के बारहवें भाव में विराजमान हो तो। 

 

इसके साथ ही यह भी पाया गया है कि, शुक्र की इस स्थिति से प्रभावित व्यक्ति को शादी या प्रेम जीवन में अलगाव की स्थिति भी झेलनी पड़ सकती है। उनके जीवन में यह ज्योतिषीय स्थिति किसी ख़ास बदलाव का कारण भी बन सकती है खासतौर से वैवाहिक जोड़ों के लिए। इस बात की जानकारी काफी लोगों को ही कुंडली के बारहवें भाव में शुक्र व्यक्ति के जीवन में मंगल, शनि और राहु के प्रतिकूल प्रभाव के बिना भी वैवाहिक जीवन में सफलता मिल सकता है बशर्ते की ये सभी पहले, चौथे , सातवें , आठवें या बारहवें भाव में न मौजूद हों। शुक्र की यह स्थिति व्यक्ति को अपने जीवनसाथी के प्रति आकर्षित करता है और उनके बीच इंटिमेसी को बढ़ाता है। ऐसा न होने पर जीवनसाथी की निराशा उनके वैवाहिक जीवन के लिए खतरा बन सकता है। इसके साथ ही यदि संबंधित व्यक्ति की कुंडली में खासतौर से वृषभ, तुला और कन्या राशि वालों के चौथे और पांचवें भाव में शुक्र की स्थिति है तो ऐसे में व्यक्ति में सेक्स ड्राइव काफी कम हो सकता है लेकिन उसे हासिल करने की संभावनाएं बरक़रार रह सकती है। इसके साथ ही आपको बता दें कि, किसी भी मामले में यदि मंगल और शनि जैसे मजबूत और विशेष प्रभाव डालने पर ग्रह यदि कुंडली के चौथे या पांचवें भाव में मौजूद हो तो ऐसे में मेडिकल उपचार द्वारा जीवनसाथी की इस समस्या में सुधार लाया जा सकता है। इसके साथ ही एक ध्यान देने वाली बात यह भी है कि, विवाह के दौरान कुंडली का निरीक्षण करते समय ज्योतिषी को विशेष रूप से इस बिंदु का गहन अध्ययन कर लेना चाहिए अगर बारहवें भाव में शुक्र के साथ किसी अन्य ग्रह की मौजूदगी न हो। वैसे किसी भी पुरुष जातक के जीवन में ऐसा बहुत कम होता है कि, इस वजह से उनके जीवन में संतान प्राप्ति के राह में रुकावट आए। 

 

संतान प्राप्ति का सुख कुंडली के इस भाव में शुक्र/Venus in the 12th House की स्थिति होने से निश्चित हो सकता है। कुछ स्थितियों में ऐसे लोगों के चार बच्चे भी हो सकते हैं। इसके साथ ही यदि शुक्र या बुध के स्वामित्व वाली राशि छठे या आठवें भाव में हो और व्यक्ति शराब पीने का आदि हो तो ऐसे में उनकी सेक्स लाइफ प्रभावित होती है और व्यक्ति 36 की उम्र तक बच्चे का सुख पाने से वंचित रह सकता है। इसके साथ ही शुक्र व्यक्ति के जीवन में दूसरे लिंग के लोगों के साथ शारीरिक संबंध बनाने के लिए प्रेरित करता है या उनके भीतर ऐसी इच्छा को उत्पन्न करता है। इसके साथ ही यह भी देख गया है कि, कुंडली के बारहवें भाव में शुक्र की स्थिति होने से व्यक्ति अपने दायित्वों का ठीक तरह से पालन नहीं कर पाता है और साथ ही ड्रग्स, शराब और नशीली पदार्थों को अपने दैनिक जीवन का एक महत्वपूर्ण अंग बना लेता है। 

आप हमारी वेबसाइट से सभी भावों में शुक्र के प्रभावग्रहों के गोचर के बारे में भी पढ़ सकते हैं। साथ ही जन्मकुंडली, लव या अरेंज मैरिज में चुनाव, व्यवसायिक नामों के सुझावस्वास्थ्य ज्योतिषनौकरी या व्यवसाय के चुनाव के बारे में भी पढ़ सकते हैं।

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