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ज्योतिष में मालिका योग | Malika yoga in astrology

लग्न या किसी अन्य भाव से शुरू होकर सभी सातों  ग्रहों के लगातार सात भावों में होने के परिणामस्वरूप, मालिका योग बनता है। 

परिणाम/Results

लग्न मालिका वाले व्यक्ति अधिकतर शासक बनते हैं। धन मालिका वाले व्यक्ति शान्त, अडिग, अत्यधिक संचय करने वाले तथा अभिभावकों के प्रति आज्ञा और आदर का पालन करने वाले होते हैं। वहीं, विक्रम मालिका वाले व्यक्ति साहसी, धनी लेकिन दुर्बल होते हैं तथा मातृ मालिका वाले व्यक्ति उदारवादी, प्रभुत्व-सम्पन्न और सौभाग्यशाली होते हैं। सुता मालिका वाले व्यक्ति प्रथाओं के भक्त, उदारवादी और संपन्न होते हैं तथा कभी-कभी ही प्रचुरता प्राप्त करने वाले रिपु मालिका वाले व्यक्ति, लालची होते हैं। इसके अलावा, कालेतरा मालिका वाले व्यक्ति सत्ता और महिला समाज के लोगों में उच्च प्रतिष्ठा वाले होते हैं। आठवें भाव से आरंभ होने वाले मालिका योग में जन्मे व्यक्ति दीर्घायु, सम्मानित, दब्बू और निर्बल होते हैं। वहीं, भाग्य मालिका वाले व्यक्ति शक्तिशाली, नैतिक, कठोर और लंबे उपक्रमों के पक्षधर होते हैं। इसके अतिरिक्त, कर्म मालिका वाले व्यक्ति आदर्शवादी, उच्च सम्मानित और हितकारी चीजें करने वाले होते हैं तथा आय मालिका वाले व्यक्ति प्रतापी, अपने लिंग के आदर्श  और उचित संसर्ग द्वारा अधिक प्रेम से सुसज्जित होते हैं। इसके साथ ही, व्यय मालिका वाले व्यक्ति अपने उदारवादी दृष्टिकोण के लिए अत्यधिक सम्मानित होते हैं।

टिप्पणियां/ Remarks

वास्तविक अंग न होने के कारण छाया ग्रह राहु और केतु का मालिका योग से संबंध नहीं होता है। उपरोक्त उल्लिखित नाम मलिका योगों के प्रारंभिक स्थानों को प्रदर्शित करते हैं। व्यावहारिक रूप से सभी विशेषज्ञ उपरोक्त ढांचे में सहमति रखते हैं सिर्फ भावार्थ रत्नाकर इसे लग्न से आरंभ करते हैं।

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