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ज्योतिष में मारुत योग/Marut Yoga in Astrology

शुक्र से त्रिगुट अर्थात पांचवें या नौवें भाव में बृहस्पति हो, चंद्रमा बृहस्पति से पांचवें भाव में हो तथा सूर्य के चंद्रमा से चतुर्थांश में होने पर, बनने वाले योग को मारुत योग/marut yoga कहा जाता है।

परिणाम/Result 

इस योग वाले व्यक्ति वस्तु-विनिमय संबंधी कार्यों में सफल होने के साथ ही, चौड़ी छाती वाले, धनवान, राजकीय अधिकारी, बड़े पेट वाले तथा धार्मिक लेखन के अच्छे जानकार होते हैं।

टिप्पणियां/ Remarks 

सूर्य का चंद्रमा से चतुर्थांश में होना तथा चंद्रमा, शुक्र और बृहस्पति की एक-दूसरे से त्रिगुट वाली यह स्थिति, इस योग के लिए श्रेष्ठ होती है। सूर्य से चतुर्थांश में चंद्रमा की स्थिति अस्थिर होने के कारण, व्यक्ति का दिमाग मारुत (हवा) की तरह तीव्र गति से चलता है लेकिन चंद्रमा से पांचवें और नौवें भाव में स्थित बृहस्पति और शुक्र, उसे अस्थिर नहीं रहने देते, जिस कारण आशाजनक परिणामों की प्राप्ति होती है।

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