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ज्योतिष में मुकुट योग/ Mukuta Yoga in Astrology

मुकुट का अर्थ होता है- ताज या शीर्ष। बृहस्पति और चंद्रमा जैसे दो अच्छे मित्रों से संबंधित यह योग, शुभ फल देने वाले अनुकूल योगों की श्रेणी में आता है। 

जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है कि जिस व्यक्ति की कुंडली या जन्मकुंडली में यह योग होता है वह मुकुट धारण कर सकता हैया उसके सामान अपने जीवन में मान प्रतिष्ठा प्राप्त कर सकता है। यह एक रूपकालंकार भाषा है जो कहती है कि अपने उद्यम से संबंधित क्षेत्रों में अच्छी ख्याति और उच्च स्थान प्राप्त करने के कारण, व्यक्ति के पुरस्कृत और सम्मानित होने की संभावनाएं होती हैं। 

बृहस्पति को, चंद्रमा से छठे और आठवें भाव में अनुकूल योग देते हुए देखना बहुत ही अपरंपरागत है। हालांकि, चंद्रमा से छठे, आठवें या बारहवें भाव में स्थित बृहस्पति प्रतिकूल शकट योग भी बना सकता है, जो भाग्य में अस्थिरता देता है। जबकि चंद्रमा के कोण में स्थित बृहस्पति 'गज केसरी योग' या चंद्रमा के साथ बृहस्पति की युति 'गौरी योग' जैसी स्थितियां अन्य अनुकूल योगों का दावा कर सकती है।

शुभ ग्रहों के साथ बृहस्पति, नवम भाव से आठवें में और शनि के लग्न से दसवें भाव में होने पर मुकुट योग बनता है।

परिणाम/ Results

मुकुट योग के अंतर्गत जन्मे व्यक्ति अगाड़ी, निर्दयी और नियमित जीवन में अत्यधिक कठोर कालचक्र वाले होते हैं।

टिप्पणियाँ/ Comments

मुकुट योग के व्यक्ति किसी जाति के नेता, जमींदार, एक वन अधिकारी या किसी प्रशासनिक विभाग के संपत्ति कार्यालय में उच्च पदस्थ अधिकारी हो सकते हैं।

मुकुट योग के संबंध में, एक और ध्यान देने वाली बात यह है कि बृहस्पति 96 स्वामियों से गोचर में हो तथा बृहस्पति से नौवें भाव में शुभ ग्रह और दसवें भाव में शनि होना चाहिए। मुकुट योग के परिणामों को दर्शाने के लिए यह गणना पर्याप्त होती है।

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